ASTROLOGER

About Us

आचार्य मिथिलेश जी का जन्म बिहार प्रदेश के मधुबनी जिला अंतर्गत निज ननिहाल झोंझी नामक ग्राम में वर्ष 1970 में हुआ था, आपका निजी ग्राम कलुआही चौक के समीप भरत पट्टी है जो ननिहाल से 4 किलोमीटर के आसपास है आपके पिताजी भारतीय सेना में सिपाही के पद पर कार्यरत थे परंतु कुछ वर्ष चार साढेचार वर्ष के सेवा के दौरान चीन और पाकिस्तान से हुए युद्ध में हिस्सा रहे और पाकिस्तान से युद्ध के दौरान घायल होने से सर्विस के लिए अयोग्य हो गए मात्र सर्विस ही नहीं वरन लगभग कार्य करने में असमर्थ हो गए आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण आप सब परिवार काशी आ गए वहीं आचार्य श्री शास्त्री तक का शिक्षा प्राप्त किया ।तदुपरांत विवाह बंधन में बंध गए इधर पिताजी का स्वास्थ्य बहुत खराब रहने लगा काशी में  इलाज  की समग्र व्यवस्था नहीं होने के कारण आप दिल्ली आ गए  कार्य करते रहे और तत्व के खोज में अनेकों जगह जाते रहे और मानवीय कार्यों से कभी अनुपस्थित नहीं हुए अपने जीवन में 30 बार रक्तदान किया तथा शिक्षा से सबके लिए सदैव तत्पर रहे और आपने 2017 में पिता के निधन के बाद पुनः श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से फलित ज्योतिष से आचार्य एवं विशिष्टाचार्य किया और सिद्धांत ज्योतिष से भी पुनः आचार्य किया और आपके साथ आप लोगों का आशीर्वाद और ईश्वर की कृपा सदैव बनी रही और तुलसीदास जी का लिखा वचन

जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू।

सो तेही मिल ही न कछु संदेहू।।

जैसे कथन को सही होते देखा ,आगे ईश्वर की कृपा ।

सभी को सादर प्रणाम ।

डॉ गोपाल कुमार झाजी का जन्म मिथिलांचल के मधुबनी जीलान्तर्गत धनखोरि गाँव में वर्ष 1986 ई. को हुआ। आपके पूज्य पिता पं. श्री बैद्यनाथ झाजी व्याकरणशास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान् है। आपने प्रारम्भिक शिक्षा एवं दीक्षा गुरुकुल (जगदीशनारायण ब्रह्मचर्याश्रम) लगमा, दरभंगा से ग्रहण की। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से आपने शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। नव देहलीस्थ श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से आपने संस्कृत साहित्य में आचार्य (M.A.) एवं विद्यावारिधि (Ph.D.) उपाधि प्राप्त कर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से फलित ज्योतिषाचार्य की उपाधि प्राप्त किया। तथा UGC NET में सफलता प्राप्त कर वर्तमान में UGC SAP-II श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में रिसर्च फैलो पद पर कार्य करते हुए विद्याभ्यसन में रत हैँ।

आचार्य नवल किशोर जी का जन्म चित्रकूट जिले के निकट ग्राम चमरौंहा, (मानिकपुर, उ. प्र.) में 23.3.1989 को हुआ। आपके पूज्य पिता पं. श्री कृष्ण कुमार द्विवेदीजी एवं माता श्रीमति उर्मिला द्विवेदीजी एक निष्ठावान भगवत् प्रेमी हैं। आपने प्रारम्भिक शिक्षा अपने ही जन्म स्थान से ग्रहण की। 2003 में आपने श्री ललिताम्बा संस्कृत विद्यालय (म.प्र.) में प्रवेश लेकर व्याकरण शास्त्र का अध्ययन किया। 2008 में वाराणसी में रहकर 2 वर्ष आपने भागवत तथा वैदिक कर्मकाण्ड का अध्ययन प्राप्त किया। आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की। आपके बाबाजी एवं पिताजी एक कुशल प्रवक्ता के रूप में देखना चाहते थे। अतः आपने कठिन श्रम करके मां भगवती ललिताम्बाजी एवं श्री ठाकुरजी की कृपा के फलस्वरूप श्री मद्भागवत कथा का 18 वर्ष की आयु से गायन करते चले आ रहे हैं। आपने दीनहान, गरीब तथा दरिद्र नारायण की सेवा के लिए, श्री विद्या वात्सल्य ट्रस्ट के माध्यम से तथा कथाओं से प्राप्त अन्न, वस्त्र, धन के द्वारा ग्रामीण अंचल में रह रहे दीन नारायण की सेवा करते रहते हैं।

आचार्य जय कुमार झा जी का जन्म बिहार प्रदेश के मधुबनी जिला अंतर्गत परजुआर नामक ग्राम में ब्राह्मण परिवार में हुआ ,आपने प्राथमिक शिक्षा निज ग्राम के प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त किया तथा माध्यमिक शिक्षा तत्समीप ग्राम चांनपुरा में प्राप्त कर आगे की शिक्षा श्री कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय से स्नातक की ,शिक्षा प्राप्त किया,तदुपरांत पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली आए और आपने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से फलित ज्योतिष में आचार्य की शिक्षा प्राप्त कर विशिष्टाचार्य का भी शिक्षा प्राप्त किया और वर्तमान में पीएचडी उपरोक्त विश्वविद्यालय से ही शिक्षारत् हैं आपकी रुचि सदैव शिक्षा के प्रचार प्रसार में रही है।